Asli Pracheen Ravan Samhita प्राचीन रावण संहिता by Shivkant Jha (in Hindi)
असुर सम्राट होने के बावजूद रावण एक महान ज्योतिष शास्त्री और प्रकांड पंडित था। रावण ने खगोलविज्ञान और ज्योतिष विज्ञान में महारथ हासिल की थी, साथ ही वह तंत्र का भी ज्ञाता था। अपने ज्ञान को उसने रावण संहिता में संरक्षित किया था, जिसके सिद्धांतों को आज भी स्वीकारा जाता है।
तंत्र, ज्योतिष और चिकित्सा से संबंधित महाविद्वान रावण कृत एक जन-उपयोगी पुस्तक शिव उपासक व लंकाधिपति रावण का जीवन वृत्तांत व रावण रचित तंत्र, आयुर्वेद व ज्योतिष ज्ञान से जुड़े विषयों का समग्र विवेचन। लंकापति रावण के विषय में आम धारणा यही है कि वह एक क्रूर राक्षस राजा था, जिसका लोहा देवता तक मानते थे। रावण के पराक्रम को स्वीकार न करना अपनी मौत को आमंत्रण देना ही था। पर रावण के जीवन रूपी सिक्के का यह सिर्फ एक पहलू है। जो दूसरा पहलू है, वह और भी रोचक और चैंकाने वाला है। एक कुशल योद्धा और विजेता होने के साथ-साथ रावण महाविद्वान और कई विषयों का ज्ञाता भी था। सच तो यह है कि रावण औषधिशास्त्र में चरक के समान प्रवीण, भगवान शिव प्रदत्त मायावी शक्तियों का ज्ञानी तांत्रिकाचार्य और एक सुयोग्य ज्योतिषी था। प्रस्तुत पुस्तक ‘रावण संहिता’ में रावण के इन्हीं गुणों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया है। निःसंदेह इस पुस्तक में वर्णित चिकित्सा, तंत्र और ज्योतिष विषयक सामग्री काफी वैज्ञानिक और तथ्यपरक है। ‘रावण संहिता’ मानव कल्याण हेतु एक शुभ प्रयास है। यह पुस्तक तंत्र विद्या के विशेषज्ञों के लिए तो उपयोगी है ही, आम लोग भी इसकी सहायता से विभिन्न सिद्धियों, अनुष्ठानों और साधनाओं में महारथ हासिल कर सकते हैं।
Price INR 110
How to Order and Get the eBook
Asli Pracheen Ravan Sahita असली प्राचीन रावण संहिता (Hindi) by Kisan Lal Sharma (Manoj Publications)
Jyotish Kaumudi – Nakshatra Vichar ज्योतिष कौमुदी: नक्षत्र विचार by Durga Prasad Shukla (in Hindi)
Rahu-Ketu Kab Shubh Kab Ashubh राहु केतु (कब शुभ कब अशुभ) by Durga Prasad Shukla (in Hindi)
Mangal Kab Shubh Kab Ashubh मंगल (कब शुभ कब अशुभ) by Durga Prasad Shukla (in Hindi)
Dwadasha Bhava Rahasya द्वादश भाव रहस्य by Durga Prasad Shukla (in Hindi)
Bhav Vichar भाव विचार – H N Katwe (Hindi)
Nakshatra Jyotish by Raghunandan Prasad Gaur (Hindi)
Grah Nakshatra ( गृह नक्षत्र) by Triveni Prasad Singh (Hindi)