Maaran Patra मारणपात्र (Hindi) by Arun Kumar Sharma
पुस्तक का नाम ‘मारणपात्र’ क्यों ? यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है | वास्तव में तंत्र की भाषा में मनुष्य की खोपड़ी को ‘महापात्र’ कहते हैं | तन्त्र के षट्कर्म साधन में ‘मारणप्रयोग’ मुख्य है। इसकी तांत्रिक क्रिया में जब महापात्र द्वारा मदिरा का प्रयोग होता है तो उसे “कारणपात्र’ कहते हैं और जंब कारणपात्र का उपयोग मारण कार्य के लिए होता है तो उसे “मारणपात्र’ कहते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में एक ऐसी कथा है जिसमें ‘मारणपात्र’ का उपयोग हुआ है इसलिए पुस्तक का नाम ‘मारणपात्र’ रखा गया। वैसे पुस्तकयोग, तन्त्र, दर्शन, अध्यात्म से संबंधित प्रासंगिक विषयों का अद्भुत संग्रह है, जिसे कथाशैली के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
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