Vishal Samudrik or Hasta Rekha Vigyan Hindi Vol II by Rajesh Dixit

हस्तरेखा, शरीर-लक्षण एवं आकृति-विज्ञान से सम्बंधित इतना विशाल ग्रन्थ हिन्दी तो क्या किसी भी भाषा में उपलब्ध नहीं है। इस महाग्रन्थ में प्राच्य, पाश्चात्य तथा दाक्षिणात्य कार्तिकेयन इन तीनों पद्धतियों के आधार पर हाथ की रेखाओं, चिन्हों, पर्वतों तथा बनावट के आधार पर जातक के भूत, भविष्य एवं वर्तमान जीवन में घटने वाली घटनाओं को जानकारी प्राप्त करने की विधि का सरल हिन्दी भाषा में विस्तृत वर्णन किया गया है। इस ग्रन्थ को पढ़ने के बाद हस्त परीक्षा विषयक किसी अन्य ग्रन्थ को पढ़ने की आवश्यकता ही नही रहती। हजारों रेखाचित्रों से सुसज्जित यह ग्रन्थ 12 खण्डों में समाप्त हुआ है तथा सम्पूर्ण ग्रन्थ दो जिल्दों में उपलब्ध है।

इस द्वितीय खण्ड में प्राच्य तथा पाश्चात्य मतानुसार विवाह रेखा, सन्तान रेखा, भाई बहन रेखा, स्वास्थ्य रेखा, हथेली तथा उसके पृष्ठ भाग में पाई जाने वाली स्थायी तथा अस्थायी प्रभाव रेखाएं, ग्रह क्षेत्र रेखाओं पर पाये जाने वाले त्रिकोण, द्वीप, कोण, जाल बिन्दु, वृत्त, क्रास, नक्षत्र तथा ग्रह-चिन्ह शरीर के अंगों की बनावट, आकृति, तिल, मस्सा, लहसुन आदि के फल के साथ-साथ स्त्रियों के हाथों की अन्य विशेष रेखाओं तथा चिन्हों के आधार पर उनके स्वभाव, चरित्र आदि की सचित्र परीक्षा विधि दी गई है।

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